Science, asked by dikshaade1, 3 months ago

प्रश्न 1. वर दे ! कविता में कवि माँ वीणावादिनी से वरदान में क्या चाहता है ? लिखिए।वर दे कविता में कवि मां वीणा धारणी से वरदान में क्या चाहता है लिखिए ​


amanb7616: वर दे कविता में कवि महावीर आदमी से वरदान में क्या चाहता है आंसर

Answers

Answered by Anonymous
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Explanation:

वर दे, वीणावादिनि वर दे!

प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव

भारत में भर दे!

काट अंध-उर के बंधन-स्तर

बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;

कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर

जगमग जग कर दे!

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव

नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;

नव नभ के नव विहग-वृंद को

नव पर, नव स्वर दे!

Answered by bhatiamona
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वर दे वीणा देवा धनी वर दे वीणा वादिनी वर दे, कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला माँ सरस्वती से सभी भारत के नागरिकों के लिए स्वतंत्र की भावना का अमृत मांगते हैं। वह सभी भारत वासियों के अंधकार हृदय में व्याप्त अंधकार रूपी बंधन को काटने और उसे ज्ञान से भर देने का वरदान मांगते हैं।

कवि माँ सरस्वती से कह रहे हैं कि भारत वासियों में जितने भी पाप, दोष, अज्ञान और अवगुण व्याप्त हैं, उन्हें वह दूर कर दें और उनके हृदय में ज्ञान का प्रकाश भर दें। सभी भारतवासियों को नई गति, नई लय, नई ताल, नया छंद प्रदान करें और उनके जीवन में नवीनता का संचार हो। वह अपने जीवन में नित्य प्रति उन्नति करें।

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