प्रश्न 10- अपठित गद्यांश को ध्यान से पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है -रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योगों के उत्पादनों में कमी आदि। हम जितनी अधिक उन्नति करते हैं या विकास करते हैं, जनसंख्या उसके अनुपात में बढ़ जाती है। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष हमारा विकास बहुत कम रह जाता है और विकास कार्य दिखाई नहीं देते। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष सभी सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं। कृषि उत्पादन और औद्योगिक विकास बढ़ती जनसंख्या के सामने नगण्य सिद्ध हो रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या वृद्धि पर नियत्रंण की अति आवश्यकता है। इसके बिना विकास के लिए किए गए सभी प्रकार के प्रयत्न अधूरे रह जाएँगे।
(क) बढ़ती जनसंख्या के सामने कौन से प्रयास असफल दिखाई देते हैं ?(1)
(ख)विकास कार्य क्यों नहीं दिखाई देते ?
(ग) बढ़ती जनसंख्या ने किसे जन्म दिया है?
please tell the ans
Answers
Explanation:
क:- बढती जन्सख्या के सामने विकास के
प्रयास असफल दिखाई देते है।
ख:- बढती जन्सख्या के कारण।
ग:- बढती जन्सख्या ने अनेक प्रकार की
समस्याओ को जनम दिया है।
जैसे की रोटी, कपड़ा, मकान और
बेरोजगारी।
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(क) बढ़ती हुई जनसंख्या के सामने जो प्रयास असफल दिखाई देते हैं, वे बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सरकार के प्रयास हैं। इन समस्याओं में भोजन, वस्त्र, आवास, बेरोजगारी, अशिक्षा, और कृषि और उद्योगों के उत्पादन में कमी शामिल है। इन मुद्दों को हल करने के लिए सरकार के प्रयास जनसंख्या वृद्धि की गति को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, और इसलिए समस्याएं बनी रहती हैं।
(ख) विकास कार्य दिखाई नहीं देते क्योंकि जितनी प्रगति या विकास हो रहा है, उसी अनुपात में जनसंख्या में वृद्धि होती रहती है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती है, भोजन, पानी और ऊर्जा जैसे संसाधनों की माँग भी बढ़ती है। यह उपलब्ध संसाधनों पर दबाव डालता है और बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल बनाता है। परिणामस्वरूप, की गई प्रगति या विकास बढ़ती हुई जनसंख्या और उसके कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं से ढँक जाती है।
(ग) बढ़ती हुई जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करती हैं। भोजन, वस्त्र और आवास की कमी लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को प्रभावित करती है, जबकि बेरोजगारी और निरक्षरता उनके जीविकोपार्जन और उनके जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता को प्रभावित करती है। कृषि और उद्योगों के उत्पादन में कमी अर्थव्यवस्था और देश के समग्र विकास को प्रभावित करती है। ये समस्याएँ बढ़ती हुई जनसंख्या का परिणाम हैं, जो उपलब्ध संसाधनों पर दबाव डालती हैं और सभी की आवश्यकताओं को पूरा करना कठिन बना देती हैं।
#SPJ3