प्रश्न-10 (क) "पेट की आग का शमन ईश्वर (राम) भक्ति का मेघ ही कर सकता है।"
तुलसी का यह काव्य सत्य क्या इस समय का भी युग-सत्य है? तर्कसंगत उत्तर
लिखिए।
(ख) अतिशय मोह भी क्या त्रास का कारक है? माँ का दूध छूटने का कष्ट जैसे एक
जरूरी कष्ट है, वैसे ही कुछ और जरूरी कष्टों की सूची बनाकर लिखिए।
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Explanation:
पेट की आग का शमन ईश्वर (राम) भक्ति का मेघ ही कर सकता है-तुलसी का यह काव्य-सत्य समकालीन युग में भी सत्य था और आज भी सत्य है। राम को तुलसी ने घनश्याम कहा है। तुलसी प्रभु की कृपा को पेट की आग शमन के लिए आवश्यक मानते हैं। उनकी दृष्टि में ईश्वर भक्ति एक मेघ के समान है।
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