प्रश्न 10. 'प्राण जाएँ पर वृक्ष न जाए' के अनुसार अमृतादेवी के योगदान के बारे में लिखिए और उसकी चिपको आंदोलन
तुलनाकीजिए।
उत्तर
Answers
Answered by
19
Answer:
सुंदरलाल बहुगुणा ने उत्तराखंड के एक स्थान से इस आंदोलन को शुरु किया जो हम चिपको आन्दोलन के नाम से जानते है उस समय अम्रतादेवी ने अपने प्राणों से भी अधिक वृक्ष को अधिक मूल्यवान बताया क्योंकि हमारी सारी जरूरत की चीजों की पूर्ति वृक्षों से ही होती है। वृक्ष ही हमारी वायु को शुद्ध करते है। और हम ऑक्सीजन बिना जीवित नहीं रह सकते है।उस समय में सभी महिलाएं ने पेड़ो से लिपट कर वृक्षों की कटाई को रोका ।
Similar questions