Hindi, asked by oo073810, 4 months ago

प्रश्न - 11 अर्थ की दृष्टि से वाक्य का कौनसा भेद नही है ? O संदेहवाचक O परिमाणवाचक O विस्मयवाचक​

Answers

Answered by bharatsainipushkar12
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Answer:

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह समाज में दूसरों से जुड़ा रहता है। वह दूसरों से बातचीत करने के लिए भाषा का प्रयोग करता है। इसके लिए वह ध्वनियाँ निकालता है। इन्हीं ध्वनियों का सार्थक समूह शब्द और वाक्य का रूप ले लेते हैं। वह प्रायः वाक्यों के रूप में अपनी बातें कहता है।

परिभाषा :

सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जिनके माध्यम से मन के भाव-विचार प्रकट किए जाते हैं, उन्हें वाक्य कहते हैं।

उदाहरण – पक्षी गीत गाते हैं।

वसंत ऋतु आते ही फूल खिल जाते हैं।

फैक्ट्रियाँ लगने से प्रदूषण बढ़ गया है।

उपर्युक्त वाक्य सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह है जिनसे भाव-विचारों की पूरी अभिव्यक्ति हो रही है।

वाक्य के तत्ववाक्य से भाव-विचारों की भलीभाँति अभिव्यक्ति हो, इसके लिए वाक्य में निम्नलिखित तत्व होने चाहिए –

1. सार्थकता – वाक्य की रचना सार्थक शब्द समूह द्वारा की जाती है ताकि वाक्य से उचित अर्थ की अभिव्यक्ति हो सके; जैसे –

प्रातः होते ही पक्षी कलरव करने लगे।

सालभर मेहनत करने के कारण ही वह कक्षा में प्रथम आया।

कभी-कभी निरर्थक शब्द भी वाक्य में प्रयुक्त होकर अर्थ का बोध कराने लगते हैं, जैसे

सुमन, इस भिखारी को कुछ खाना-वाना दे देना।

ये गौरैयाँ कब से बक-झक किए जा रही हैं।

2. आकांक्षा – किसी वाक्य के एक पद को सुनकर अन्य आवश्यक पद को सुनने या जानने की जो उत्कंठा प्रकट होती है, उसे आकांक्षा कहते हैं; जैसे – मैदान में खेल रहे हैं।

यह वाक्य सुनते ही हमारे मन में प्रश्न उठता है- मैदान में कौन खेल रहे हैं? हमें इसका उत्तर मिलता है –

लड़के मैदान में खेल रहे हैं।

यहाँ ‘लड़के’ शब्द जोड़ देने से वाक्य पूरा हो गया। इससे पहले वाक्य को ‘लड़के’ शब्द की आकांक्षा थी जिसके जुड़ते ही यह आकांक्षा समाप्त हो गई।

Answered by avinashgupta170304
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Answer:

second option is correct option

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