प्रश्न-11
अधोलिखित गद्यांश को पढ़कर सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
सफ़िया ने हैंडबैग मेज़ पर रख दिया और नमक की पुड़िया निकालकर उनके
सामने रख दी और फिर आहिस्ता-आहिस्ता रुक-रुक कर उनको सब कुछ बता दिया।
उन्होंने पुड़िया को धीरे से अपनी तरफ़ सरकाना शुरू किया। जब सफ़िया की
बात खत्म हो गई तब उन्होंने पुड़िया को दोनों हाथों में उठाया, अच्छी तरह लपेटा और
खुद सफ़िया के बैग में रख दिया। बैग सफ़िया को देते हुए बोले, "मुहब्बत तो कस्टम
से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।"
वह चलने लगी तो वे भी खड़े हो गए और कहने लगे, "जामा मस्जिद की
सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा और उन खातून को यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से
कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-
रफ्ता ठीक हो
ग) आशय स्पष्ट कीजिए-
"मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।"
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आशय स्पष्ट कीजिए-
"मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।''
✎... ‘मोहब्बत तो कसम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है’ इस पंक्ति का आशय यह है कि मोहब्बत के आगे किसी कानून की नहीं चलती। जब बात इंसानियत और मोहब्बत की आती है तो नियम-कानून धरे के धरे रह जाते हैं। नियम कानून इंसानियत से ऊपर नहीं है। जो भी नियम कानून है वो इंसान के लिये बनाये गये हैं, और इंसानियत से ऊपर नही हैं। इसी कारण कस्टम अफसर ने साफिया को नमक की पुड़िया आसानी से ले जाने दी क्योंकि अफसर का खुद भारत से अतीत में संबंध रहा था।
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