प्रश्न-11 छंद विधा में निम्न को समझाकर लिखिए - (i) पाद या चरण (ii) मात्रा और वर्ण। (iii) तुक।
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छंद विधा में निम्न को समझाकर लिखिए.
(i) पाद या चरण : किसी भी चरण के मुख्यतः चार भाग होते हैं। इन चार भागों को चरण कहा जाता है। छंद के चतुर्थांश यानी चौथे भाग को चरण कहा जाता है। कुछ छंदों में चार चरण तो होते हैं लेकिन वह दो पंक्तियों में लिखे जाते हैं, जैसे दोहा, सोरठा आदि। इस तरह के चरणों को की हर पंक्ति को दल कहा जाता है।
छंद के चरण के दो प्रकार होते हैं..
समचरण और विषम चरण।
दूसरे और चौथे चरण को समचरण तथा पहले व तीसरे चरण को विषमचरण कहा जाता है।
(ii) मात्रा और वर्ण : छंद में किसी वर्ण या ध्वनि के उच्चारण काल को मात्रा कहा जाता है। मात्रा के दो भेद होते हैं...
ह्रस्व वर्ण : जैसे अ, इ, उ, ऋ। ह्रस्व वर्ण उच्चारण में जो समय लगता है, उसको से एक मात्रा कहा जाता है।
दीर्घ वर्ण : जैसे आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। दीर्घ वर्ण के उच्चारण में जो समय लगता है, उसे दो मात्रा कहा जाता है।
(iii) तुक : किसी छंद में प्रत्येक चरण के अंत में अंतिम वर्ण की उच्चारण-आवृति समान होने पर उसे ‘तुक’ कहा जाता है। जिन छंद के चरणांत में कोई तुक हो उसे तुकांत छंद और जिसके चरणांत में कोई तुक न हो उस अतुकांत छंद कहा जाता है।
तुकांत छंद में चरणांत में वर्ण की समान स्वर या व्यंजन में आवृत्ति होती है, जबकि अतुकांत छंद में चरणांत में वर्ण की समान स्वर या व्यंजन में आवृत्ति नही होती।
उदाहरण के लिये...
तुकांत..
ये है हमारी प्यारी हिंदी,
ये है भारत माता की बिंदी
अतुकांत..
ये है हमारी प्यारी हिंदी,
ये भारत माता का गौरव,
ये भारत माता का अभिमान,
हमे गर्व से भर देती,
हमारी प्यारी हिंदी