प्रश्न-11
वि
16]
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : कापागा [2+2+2
"रात्रि की विभीषिका को सिर्फ पहलवान की ढोलक ललकार कर चुनौती देती
रहती थी। पहलवान संध्या से सुबह तक, चाहे जिस ख्याल से ढोलक बजाता हो, किन्तु
गाँव के अर्द्धमृत, औषधि उपचार-पथ्यविहीन प्राणियों में वह संजीवनी शक्ति ही भरती
थी। बूढ़े-बच्चे-जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे दंगल का दृश्य नाचने लगता
था। स्पंदन-शक्ति-शून्य स्नायुओं में भी बिजली दौड़ जाती थी। अवश्य ही ढोलक की
आवाज़ में न तो बुखार हटाने का कोई गुण था और न महामारी की सर्वनाश शक्ति को
रोकने की शक्ति ही, पर इसमें संदेह नहीं कि मरते हुए प्राणियों को आँख मूंदते समय
कोई तकलीफ नहीं होती थी, मृत्यु से वे डरते नहीं थे।'' मलिक
(क) गद्यांश में रात्रि की किस विभीषिका की चर्चा की गई है ? ढोलक उसको किस
प्रकार की चुनौती देती थी? लिखिए।
(ख) किस प्रकार के व्यक्तियों को ढोलक से राहत मिलती थी? यह राहत कैसी थी?
(ग) 'दंगल के दृश्य' से लेखक का क्या अभिप्राय है? यह दृश्य लोगों पर किस तरह
का प्रभाव डालता था?
एकालिका
Answers
Answer:
(क) गद्यांश में रात्रि की किस विभीषिका की चर्चा की गई है ? ढोलक उसको किस
(क) गद्यांश में रात्रि की किस विभीषिका की चर्चा की गई है ? ढोलक उसको किसप्रकार की चुनौती देती थी? लिखिए।
दिए गए गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर :
(क) गद्यांश में रात्रि की किस विभीषिका की चर्चा की गई है ? ढोलक उसको किस प्रकार की चुनौती देती थी? लिखिए।
उत्तर : गद्यांश में रात्रि की जिस विभीषिका की बात की गई है, वह गाँव में फैली महामारी की विभीषिका है। गाँव में फैली महामाई की विभीषिका को रात्रि की विभीषिका का प्रतीक बनाकर बताया गया है।
(ख) किस प्रकार के व्यक्तियों को ढोलक से राहत मिलती थी? यह राहत कैसी थी?
उत्तर : ढोलक की आवाज लोगों के मन में उत्साह पैदा करती थी और उसकी आवाज सुनकर लोग बीमारी से निपटने के लिए प्रेरित होते थे। ढोलक की आवाज से महामारी के कारण मृतपाय हो गये लोगों और औषधि एवं उपचार के बिना रह रहे लोगों को बेहद राहत मिलती थी।
(ग) 'दंगल के दृश्य' से लेखक का क्या अभिप्राय है? यह दृश्य लोगों पर किस तरह का प्रभाव डालता था?
उत्तर : दंगल के दृश्य से लेखक का अभिप्राय यह था कि जैसे ही लुट्ट पहलवान ढोलक की आवाज के बल पर दंगल जीत जाता तो उसके जीतने के दृश्य को देखकर लोग उत्साह से भर उठते और शोर मचाने लगते। उसी दृश्य को याद करके लोगों में उत्साह आ जाता था। वह दृश्य लोगों को बीमारी से लड़ने की प्रेरणा देता था।
#SPJ3