प्रश्न 14.
‘आन्तरिक अपवाह तन्त्र’ से क्या आशय है?
Answers
Answered by
0
आंतरिक अपवाह तंत्र —
‘आंतरिक अपवाह तंत्र’ से आशय उस अपवाह तंत्र से होता है जिसमें कोई नदी किसी समुद्र में ना पहुंचती है अर्थात उसका विलय समुद्र न होता हो और वो रास्ते में ही किसी स्थल मार्ग में विलुप्त हो जाती है या किसी झील आदि में मिल जाती है, तो उसे ‘आंतरिक अपवाह तंत्र’ वाली नदी कहा जाता है। राजस्थान में घग्गर, बाणगंगा कांतली, साबी, रूपारेल, मेढा आदि नदियां ‘आंतरिक अपवाह तंत्र’ के अंतर्गत आती हैं।
Similar questions