प्रश्न.14. चुनाव आयोग के कार्यो को लिखिए।
अथवा
सर्वाधिक वोट से जीत व्यवस्था से क्या अभिप्राय हैं ?
प्रश्न.15. किसी राज्य के गर्वनर के लिये क्या योग्यताएँ निर्धारित के
अथवा
किसी राज्य के राजपाल की नियुक्ति कैसे होती है?
प्रश्न.16. विधानमंडल के दो गैर विधायी कार्यो का वर्णन कीजि
अथवा
Answers
Answer:
निर्वाचन आयोग के कार्य व अधिकार (Work And Authority)
1- निर्वाचन आयोग राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद, राज्य विधानसभा के चुनाव का पर्यवेक्षण, निर्देशन तथा आयोजन करवाने का मुख्य कार्य करता है
2- निर्वाचन आयोग निर्वाचक नामावली तैयार करवाता है
निर्वाचन आयोग सभी राजनैतिक दलों का पंजीकरण और मान्यता प्रदान करता है
3- राजनैतिक दलों का राष्ट्रीय, राज्य स्तर के रूप मे वर्गीकरण निर्वाचन आयोग के द्वारा किया जाता है
4- निर्वाचन आयोग सांसद या विधायक की अयोग्यता के लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल को सलाह देता है
5- गलत निर्वाचन उपायों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को निर्वाचन के लिये अयोग्य घोषित करता है
Explanation:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 में संसद, राज्य विधानमंडल के साथ साथ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनावों के अधीक्षण,निर्देशन और निर्वाचन नामावलियों की तैयारी पर नियंत्रण रखने के लिए निर्वाचन आयोग का प्रावधान किया गया है | अतः निर्वाचन आयोग केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर होने वाले चुनावों के लिए उत्तरदायी है
चुनाव आयोग की संरचना (Composition of Election Commission of India)
वर्तमान में भारत के निर्वाचन आयोग में 3 आयुक्त काम कर रहे हैं जिनमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा हैं जबकि चुनाव आयुक्त के पद पर अशोक लवासा और सुशील चंद्र हैं.
संविधान में निर्वाचन आयोग की संरचना से सम्बंधित निम्न प्रावधान शामिल किया गये हैं-
1. निर्वाचन आयोग एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और उसके अन्य निर्वाचन आयुक्तों से,यदि कोई हों,जितने समय समय पर राष्ट्रपति नियत करे,मिलाकर बनता है|
2. मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी |
3. यदि एक से अधिक निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किये जाते है तो ऐसी स्थिति में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष के रूप कार्य करेंगें |
4. निर्वाचन आयोग से सलाह लेने के बाद राष्ट्रपति उतनी संख्या में प्रादेशिक निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति भी कर सकता है जितने की निर्वाचन आयोग को सहायता देने के लिए आवश्यक हों |
5. निर्वाचन आयुक्तों और प्रादेशिक निर्वाचन आयुक्तों की सेवा की शर्तें और पदावधि ऐसी होगीं जो राष्ट्रपति, नियम द्वारा तय करे |
हालाँकि,मुख्य निर्वाचन आयुक्त निर्वाचन आयोग का अध्यक्ष होता है लेकिन उसकी शक्तियां अन्य निर्वाचन आयुक्तों के समान ही होती हैं|आयोग द्वारा सभी मसलों पर बहुमत से निर्णय लिया जाते है| मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य दो निर्वाचन आयुक्त समान वेतन,भत्ते व अन्य सुविधाएँ प्राप्त करते हैं|
कार्यकाल (Tenure of Election Commission of India)
मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त छह वर्ष या 65 साल की आयु,जो भी पहले हो,प्राप्त करने तक अपने पद बने रहते है| वे किसी भी समय राष्ट्रपति को संबोधित अपने त्यागपत्र द्वारा अपना पद छोड़ सकते हैं| राष्ट्रपति किसी भी निर्वाचन आयुक्त को संविधान में वर्णित प्रक्रिया द्वारा ही उसके पद से हटा सकता है|
शक्तियां एवं कार्य (Power and Functions of Election Commission of India)
निर्वाचन आयोग की शक्तियां व कार्य निम्नलिखित हैं-
1. यह परिसीमन आयोग अधिनियम के अनुरूप निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करता है
2. यह निर्वाचक नामावलियों को तैयार करता है और समय समय पर उनमें सुधार करता है|यह सभी योग्य मतदाताओं को पंजीकृत करता है|
3. यह चुनावों कार्यक्रम निर्धारित करता है और उसे अधिसूचित करता है
4. यह चुनाव हेतु प्रत्याशियों के नामांकन स्वीकार करता है उनकी जाँच करता है
5. यह राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है और उन्हें चुनाव चिन्ह प्रदान करता है