प्रश्न 14-लोकतंत्र से देश की रक्षा कैसे की जा सकती
है, युवा पीढ़ी का इसमें क्या योगदान है? 80 से 100
शब्दों में आलेख लेखन करिए।
Answers
Explanation:
छात्रों से भरा बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का हॉल..। सभा को संबोधित कर रहे पूर्व चुनाव पर्यवेक्षक केो राव ने अचानक छात्रों पर सवाल दागा, कितने लोग राजनीति में आना चाहते हैं? एक भी हाथ नहीं उठा। दूसरा सवाल, आखिर क्यों नहीं? इसका जवाब किसी के पास नहीं था। आरकेड बिजनेस कॉलेज के छात्रों के विदाई समारोह में राव ने कहा कि आज हम इांीनियर, डॉक्टर, मैनेजर या कोई अन्य जॉब करना चाहते हैं, लेकिन राजनीति में नहीं आना चाहते। अगर आप जसे शिक्षित युवा राजनीति में नहीं आयेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा? लोकतंत्र की रक्षा कैसे होगी? जात-पातसे ऊपर उठकर हमें वोट देने की परंपरा को और मजबूत करनी होगी।ड्ढr ड्ढr श्री राव ने कहा कि हम राजनीति में अपराधीकरण की तो बात करते हैं लेकिन चुनाव के दिन छुट्टी मानकर वोट डालने तक नहीं जाते। इसमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। आपको राजनीति में आना होगा और वोट डालने भी जाना होगा, तभी यह लोकतंत्र बच सकेगा। उन्होंने कोर्स पूरा कर बाहर निकलने वाले छात्रों को कहा कि आपको जीवन में जो भी मौका मिले, उसका पूरा लाभ उठाने का प्रयास करं। काम कोई छोटा नहीं होता, बस उसे देखने का नजरिया बदलने की जरूरत है। आंध्र प्रदेश में चुनाव कार्य को संपादित करने में लगे श्री राव ने कहा कि पूर राज्य से बैनर, पोस्टर, वाल पेंटिंग हटवाने के साथ-साथ सात हाार अवैध देशी दारू के ठेके बंद करवाए। अगर आपमें कुछ करने की इच्छा हो तो आप निश्चित रूप से उसे कर सकते हैं। बिहार में चुनाव के बार में उन्होंने कहा कि यहां एक बार बेहतर चुनाव का ढांचा बन गया है और उसे बदलने का प्रयास नहीं होना चाहिए। नेताओं पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि पांच साल में एक बार आयेंगे। गरीब बस्ती में जायेंगे। गरीब बच्चे को गोद में उठाकर उसके नाक पोछेंगे और दूसर दिन के अखबार में बड़ी सी तस्वीर छपेगी। ऐसे नेताओं से बचें। उनसे पूछा जाना चाहिए कि अपने शासनकाल में आपने कितने किमी सड़क बनवाई? कितने स्कूल भवन, अस्पताल या कॉलेजों का निर्माण कराया?ड्ढr ड्ढr उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव के समय मैने इन सभी चीजों की भारी कमी पायी थी। चुनाव आयोग पर उंगली उठाने वालों पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जब नेताओं पर उंगली उठेगी तो जवाब देना मुश्किल होगा। एक छात्र द्वारा युवाओं का नेतृत्व करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में आकर मुझे वह प्यार नहीं मिल पाएगा जोअभी आपसे मिल रहा है। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए कॉलेज के निदेशक आशीष कुमार ने छात्रों के बेहतर भविष्य की कामना की। कार्यक्रम का संचालन रमण सिन्धी ने किया।
Answer:
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Explanation:
युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है। युवा किसी भी देश या समाज को नए शिखर पर ले जाने की क्षमता रखते हैं। युवा अगर देश का वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के सेतु भी हैं। युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं। युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वाकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं जिनकी आंखों में भविष्य के इंद्रधनुषी स्वप्न होते हैं। समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है। युवा पीढ़ी किसी भी देश की नींव होती है। जिस तरह से एक इमारत बिना मजबूत नींव या आधार के खड़ी नहीं रह सकती है, उसी तरह से कोई भी देश योग्य, कुशल एवं समर्पित युवाओं के बिना जीवित या प्रगति नहीं कर सकता है।
छात्रों और युवाओं की राजनीति में भागीदारी का सवाल पिछले कई वर्षों से चर्चा का विषय रहा है । विशेष कर जब-जब देश में चुनाव की रणभेरी बजी है या जब कभी इस युवा शक्ति ने किसी बड़े आंदोलन को जन्म दिया या फिर किसी घटना विशेष पर अपने तीखे आक्रोश से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने मे सफल हुई है , यह सवाल बहस का विषय बना ।
भारत का युवा वर्ग देश का भविष्य होने के साथ-साथ हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। भारत में युवाओं की संख्या अन्य देशों से कहीं अधिक है। भारत की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। आज भारत सरकार का पूरा ध्यान युवाओं को मुख्यधारा का हिस्सा बनाते हुए उनके सहभागिता के माध्यम से विकास पर केन्द्रित है, ताकि युवा देश के विकास के लिए अपना सक्रिय योगदान प्रदान करें न कि केवल उसका एक हिस्सा बनकर रह जाएँ।
#SPJ1