प्रश्न-15 'जैसे कोई और हो' एक व्यंग्य रचना है। कैसे? समझाकर लिखिए।
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¿ 'जैसे कोई और हो' एक व्यंग्य रचना है। कैसे? समझाकर लिखिए।
✎... ‘जैसे कोई और हो’ एक व्यंग रचना है। ‘जैसे कोई और हो’ अशोक शुक्ला द्वारा रचित एक हास्य व्यंग है, जिसमें एक राज्य की सड़क परिवह व्यवस्था पर और उसकी कार्यशैली पर हास्य व्यंग किया गया है। लेखक अपनी बस यात्रा के दौरान मिले अनुभवों को हास्य व्यंग के माध्यम से प्रस्तुत कर व्यंग्य और कटाक्ष करता है और बस परिवहन की लचर अव्यवस्था को व्यंगात्मक तरीके से आड़े हाथों लेता है। इसी कारण ‘जैसे कोई और हो’ एक व्यंगात्मक रचना है।
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