प्रश्न 1महात्मा गांधी के स्वराज्य राज्य और
अराजकता का विवेचन
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रामराज्य की कल्पना करने वालें गांधी ने राज्य को एक आवश्यक बुराई कहा । माक्र्सवादियों तथा अराजकतावादियों के समान गांधीजी एक राज्यविहीन समाज की स्थापना करना चाहते थे । वे दार्शनिक , नैतिक, ऐतिहासिक व आर्थिक कारणों के आधार पर राज्य का विरोध करते थे , अतः उन्हे दार्शनिक अराजकतावादी भी कहा जाता है ।
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