प्रश्न 1निम्नालाखत गद्याश का पढ़कर दिए गए प्रश्नाक उत्तर लाखए 'मैं जिस भारतीय प्रजातंत्र की कल्पना करता हूँ उसका अध्यक्ष कोई किसान ही होगा गाँधी जी की यह अभिलाषा देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति होने पर निःसन्देह ही फलवती सिद्ध हुई। राजेन्द्र प्रसाद जन्मना या कर्मणा किसान तो नहीं थे, पर किसानों के सच्चे प्रतिनिधि अवश्य थें। उनमें एक गवई गाँव के किसान जैसी सादगी सरलता, निश्छलता और कर्मठता विद्यमान थी। उनमें किसान की तपस्या भी थी और वे स्वाभाव और वेशभूषा से ठेठ किसान लगते थे। उन्होने कभी स्वयं को भारत की ग्रामीण संस्कृति से अलग और विशिष्ट बनाने का प्रयत्न नहीं किया। उनके विचार, व्यवहार और देशद्यभूषा में भारतीयता की अमिट छाप (क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। (ख) गाँधी जी ने भारतीय प्रजातंत्र के अध्यक्ष के बारे में क्या कल्पना की थी? (ग) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद एक सच्चे प्रतिनिधि थे। कैसे? (घ) निः संदेह शब्द के लिए अनेक शब्द होगे
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1)
2) गाँधी जी ने भारतीय प्रजातंत्र के अध्यक्ष के बारे में यह कल्पना कि थी की अध्यक्ष कोई किसान ही होगा ।
3) राजेन्द्र प्रसाद जन्मना या कर्मणा किसान तो नहीं थे, पर किसानों के सच्चे प्रतिनिधि अवश्य थें, इन्हीं सब से पता चलता है की डॉ० राजेन्द्र प्रसाद एक सच्चे प्रतिनिधि थे।
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