प्रश्न 2: 500 शब्दों में ऑनलाइन शिक्षण और सीखने के अपने अनुभवों को लिखें।
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भारत में स्कूल कॉलेज समेत तमाम शैक्षणिक संस्थान अपने अपने शैक्षिक सत्र पूरे कर पाते, इससे पहले ही कोरोना संकट के चलते उन्हें 24 मार्च से बंद कर दिया गया. लॉकडाउन की इस अवधि में ऑनलाइन शिक्षण से सत्र पूरा करने की कोशिश की गयी. कई शिक्षण संस्थानों में कक्षाएं जारी थीं और इम्तहान लंबित थे. मिडिल और सेकेंडरी कक्षाएं ऑनलाइन कराने के लिए जूम जैसे विवादास्पद वेब प्लेटफॉर्मो का सहारा लिया गया. कहीं गूगल तो कहीं स्काइप के जरिए कक्षाएं हुईं. कहीं यूट्यूब पर ऑनलाइन सामग्री तैयार की गई तो कहीं लेक्चर और कक्षा के वीडियो तैयार कर ऑनलाइन डाले गए और व्हाट्सऐप के माध्यम से विद्यार्थियों के समूहों में भेजे गए. लेकिन अधिकांश संस्थान ऑनलाइन परीक्षा के लिए तैयार नहीं हैं. जानकार लोगों का मानना है कि आईआईटी जैसे संस्थान अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं ऑनलाइन करा सकते हैं.
ऑनलाइन शिक्षा ऑनलाइन समाधान के माध्यम से कम लागत पर सेवाएं प्रदान करता है। यह ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से "खुद को सीखें" और "सामुदायिक शिक्षा" को प्रोत्साहित करता है और कम कीमत पर सामान्य आधारभूत संरचना प्रदान करके स्वयंसेवकों को बढ़ावा देता है। यह शिक्षकों, स्कूलों और परीक्षा बोर्डों के लिए पाठ्यक्रम प्रदान करने और कम लागत पर परीक्षा आयोजित करने और मूल्यांकन करने के लिए उपकरण प्रदान करता है। यह भविष्य के खर्च पर रिटर्न और मार्गदर्शन के माप की अंतर्दृष्टि भी देता है।