प्रश्न 2 "बस की यात्रा" पाठ में सविनय अवज्ञा आंदोलन के बारे में बताया गया है जो कि मधीजी के द्वारा चलाया गया
था। इसी के आधार पर किन्ही अन्य पांच आंदोलनों के बारे मे निम्रलिखित जानकारी एकत्र कर लिखिए।
आदोलन किसके द्वारा चलाया गया
कब शुरू हुआ और कब तक चला
आदोलन का आखिरी परिणाम
Answers
Answer:
1. 1857 का विद्रोह
1857 का विद्रोह को प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक सशस्त्र विद्रोह था। यह विद्रोह दो वर्षों तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में चला। इस विद्रोह का आरंभ मेरठ सहित देश के विभिन्न छावनी क्षेत्रों में छोटी झड़पों और आगजनी से हुआ था। आगे चलकर इसने एक बड़ा रूप ले लिया।
2. नील विद्रोह
19वीं शताब्दी के लगभग मध्य से लेकर भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तक अंग्रेजी शासन के विरूद्ध अनेक किसान आंदोलन हुए। इनमें नील आंदोलन, पाबना आंदोलन, दक्कन विद्रोह, किसान सभा आंदोलन, एका आंदोलन, मोपला विद्रोह, बारदोली सत्याग्रह, तेभाग आंदोलन, तेलंगाना आंदोलन आदि। इनमें 1859-60 में बंगाल में हुआ नील-विद्रोह किसानों का अंग्रेजी शासन के विरूद्ध पहला संगठित व सर्वाधिक जुझारू विद्रोह था।
3. जालिया वाला बाग कांड
यह घटना 13 अप्रैल, 1919 की है। अमृतसर के जलिया वाला बाग में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था। हजारों लोगों को घायल कर दिया था। यदि किसी एक घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था तो वह घटना यह जघन्य हत्याकांड ही था।
4. चौरीचौरा कांड
एक फरवरी, 1922 को चौरीचौरा कांड भारत के इतिहास के पन्नों में कभी ना भूलने वाला काला दिन है। इसी दिन चौरीचौरा थाने के दारोगा गुप्तेश्वर सिंह ने आजादी की लड़ाई लड़ रहे बलिदानियों की खुलेआम पिटाई शुरू कर दी। सत्याग्रहियों ने इसके बाद पुलिसवालों पर पथराव शुरू कर दी। जवाबी कार्यवाही में पुलिस ने गोलियां चलाई। जिसमें 260 व्यक्तियों की मौत हो गई। पुलिस की गोलियां तब रुकीं जब उनके सभी कारतूस समाप्त हो गए। इसके बाद सत्याग्रहियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होनें थाने में बंद 23 पुलिसवालों को जिंदा जला दिया।
5. असहयोग आंदोलन
सितंबर, 1920 से फरवरी 1922 के बीच महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया गया। जलियांवाला बाग नरसंहार सहित अनेक घटनाओं के बाद गांधी जी को लगा कि ब्रिटिश हाथों में एक उचित न्याय मिलने की कोई संभावना नहीं है इसलिए उन्होंने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की गई। सितंबर, 1920 से फरवरी 1922 के बीच महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया गया। जलियांवाला बाग नरसंहार सहित अनेक घटनाओं के बाद गांधी जी को लगा कि ब्रिटिश हुकूमत से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। इसलिए उन्होंने असहयोग आंदोलन की शुरुआत कर दी थी।
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