प्रश्न.2.इ. निम्नलिखित पद्यांश पर आधरित कृतियाँ पुर्ण करे । चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ। चाह नहीं, प्रेमी-माला के बिंध प्यारी को ललचाऊँ । चाह नहीं, सम्राटों के शव पर हे हरि ! डाला जाऊँ चाह नही, देवों के सिर पर चढ भाग्य पर इठलाऊँ । मुझे तोड लेना वनमाली उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश चढाने जिस पथ जाएँ वीर अनेक । कृति 1 कविता में इसका वर्णन किया गया है। -...
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