प्रश्न 2. (क) एकल गोलीय पष्ठ पर प्रकाश के अपवर्तन का सूत्र लिखिए
(ख) यदि किसी पदार्थ के द्रव्यमान में वृद्धि का मान एकांक है, तो इससे उत्पन्न उर्जा का मान क्या होगा
(ग) प्रकाश की द्वैती प्रकृति से क्या अभिप्राय है ?
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Explanation:
(क) किसी गोलीय पृष्ठ पर प्रकाश के अपवर्तन का सूत्र लिखिए | इसकी सहायता से पतले लेंस की फोकस-दूरी के लिये सूत्र स्थापित कीजिए तथा यह भी सिद्ध कीजिए कि अवतल लेंस कि फोकस-दूरी ऋणात्मक होती हैं |
(ख) व्याख्या:
रसायन विज्ञान में, पदार्थ के दिए गए नमूने में पदार्थ n की मात्रा को असतत परमाणु-पैमाने के कणों की मात्रा या संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसे एवोगैड्रो स्थिरांक NA द्वारा विभाजित किया जाता है।
संदर्भ के आधार पर कण या निकाय अणु, परमाणु, आयन, इलेक्ट्रॉन या अन्य हो सकते हैं, और उन्हें निर्दिष्ट किया जाना चाहिए (उदाहरण के लिए सोडियम क्लोराइड nNaCl की मात्रा)।
अवोगैड्रो स्थिरांक NA का मान 6.02214076× के रूप में परिभाषित किया गया है।
मोल (प्रतीक: मोल) इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ यूनिट्स में पदार्थ की मात्रा की एक इकाई है, जिसे एवोगैड्रो स्थिरांक को दिए गए मान पर निर्धारित करके परिभाषित किया गया है।
कभी-कभी, पदार्थ की मात्रा को रासायनिक मात्रा कहा जाता है।
(ग) प्रकाश की द्वैती प्रकृति होती है। किसी एक घटना के समय प्रकाश या तो कण की तरह व्यवहार करेगा या तरंग की तरह , दोनों गुण एक साथ किसी घटना में दिखाई नहीं देते है अर्थात दोनों एक दुसरे के पूरक होते है। इस सिद्धांत को दे-ब्रोग्ली (डी ब्रोग्ली) का प्रकाश की द्वैती प्रकृति का सिद्धांत कहते है।