प्रश्न 2.निम्नलिखित अपठित गदयांश को पढकर पुछे गए प्रश्नों के
उत्तर दिजिए।
(05)
पिछले 4 वर्षों के दौरान हुई किसानों की खुदकुशी के आंकडे ही
उपलब्ध नहीं हैं। ऐसा क्यो हो रहा है? तथ्यों को जुटाने का काम
प्रशासन का है।इसी आधार पर योजनांए बनती हैं,रकम आवंटित की
जाती है और राहत दी जाती है,आंकडे नही है तो दिशाहीनता में कुछ
भी नहीं हो पाएगा। लोकसभा में प्रतापराय जाधव के प्रश्न के
लिखित उत्तर में कृषि मंत्री ने बताया कि 2014 व 2015 के
दौरान ऋणाग्रस्त और दिवालियापन के कारण किसानों दवारा
आत्महत्या किए जाने संबंधी राज्यवार आंकडे तो है परंतु 2016 के
बाद से ये आंकडे उपलब्ध नहीं है। क्या यह प्रशासनिक लापरवाही
नहीं है, इससे तो यही भ्रम पैदा हो कि कर्ज और दिवालिएपन की
समस्या ही नही रही और किसनो ने खुदकुशी करना बंद कर दिया
लोकतंत्र में ऐसी अंधेदगी और लापरवाही नही होनी चाहिए इसे
व्यवस्था का ढीलापन ही कहा जाएगा कि किसान आत्महत्या जैसी
ज्वलंत समस्या पर केंद्र सरकार पुराने आंकडो से ही काम चला रही
1.कितने साल से किसानो की खुदकुशी के आंकडे ही नही है ?
2.लोकसभा में किसके प्रश्नो पर उत्तर दिया गया ?
3.लोकसभा में कथित प्रश्न पर किसने उत्तर दिया ?
4.किसानो की खुदकुशी के आंकडे कबसे उपलब्ध नही है ?
5.क्या आपको लगता है की, सरकार को किसानों की परवाह हैं?
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Answer:
1 . pichle 4 varsho se
2.pratap rai
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