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प्रश्न 2-निम्नलिखित अपठित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर चुनिए-
जद हम होंगे बड़े देखना, ऐसा नहीं रहेगा देश ।
अब भी कुछ लोगों के दिल में नफरत अधिक प्यार है कम।
जब हम होंगे बड़े, घृणा का, नाम मिटा कर लेंगे दम ।
हिंसा के विषमय प्रवाह में, कब तक और बहेगा देश।
जब हम होंगे बड़े देखना, ऐसा नहीं रहेगा परिवेश।
भ्रष्टाचार जमाखोरी की, आदत बहुत पुरानी है,
यह कुरीतियाँ मिटा हमें तो, नई चेतना लानी है।
एक घरीदे जैसा आखिर, कितना और ढहेगा देश,
जब हम होंगे बड़े देखना, ऐसा नहीं रहेगा देश ।
इसकी बागडोर हाथों में, जरा हमारे आने दो
थोड़ा-सा बस पाँव हमारे जीवन में टिक जाने दो।
हम खाते हैं शपथ, दुर्दशा कोई नहीं सहेगा देश ,
जब हम होंगे बड़े देखना, ऐसा नहीं रहेगा देश।
हम भारत का झंडा हिमगिरि, से ऊँचा फहरा देंगे
रगिस्तान, बंजर तक में हरियाली लहरा देंगे।
घार अभाव की ज्वाला में कल से नहीं दहेगा देश
जब हम होंगे बड़े देखना, ऐसा नहीं रहेगा देश।
क-हिंसा के विषमय प्रवाह से कवि का क्या तात्पर्य है?
1-हिंसा, घृणां की जहरबुझी लहर प्रभावित होना
2- पानी में जहर का होना
3-चारों तरफ जहर का फैल जाना
4-नफरत कम प्यार अधिक
ख-बच्चे किसे मिटाने का संकल्प ले रहे हैं?
2-अभावों को
3- कुरीतियों को 4-घरवालों को
- 'परिवेश शब्द का अर्थ लिखिए।
2-अच्छे कपड़े
3--वातावरण
4-सुंदर केश
छ- बच्चे किसकी बागडोर अपने हाथों में लेना चाहते हैं?
3-घृणा की
4-देश की
1-दुश्मन को
1-सुंदर परिधान
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1-परिवार की
2-युद्ध की
ड- काव्याश का उचित शीर्षक चुनिए।
बच्चों का नारा
2-बच्चे सच्चे रक्षक
3-बच्चों की दुनिया
4-बच्चों का बचपन
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