प्रश्न 2. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।
कर यत्न मिटे सब, सत्य किसी ने जाना ?
नादान वहीं है,हाय, जहां पर दाना।
फिर मूद न क्या जग, जो इस पर भी सीखे ?
मैं सीख रहा हूँ, सीखा ज्ञान भुलाना।
फिर हम परदे पर दिखलाएँगे
फूली हुई आंख की एक बड़ी तसवीर
बहुत उसके होठों पर एक कसमसाहट भी
(आशा है आप उसे उसकी अपंगता की पीड़ा मानेंगे)
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sorry I didn't understand
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