प्रश्न 2. निम्नलिखित काव्यपंक्तियों का भावार्थ लिखिए :
(1) गगन पे चमके चंदा, मैं धरती पे चमकूँगी,
धरती पर चमकूँगी, मैं उजियारा करूँगी....
(2) पढूँगी-लिखूगी मैं मेहनत करूँगी,
अपने पाँव चलकर मैं दुनिया को देखुंगी
दुनिया को देगी मैं दुनिया को समझूगी।
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दी गई पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार होगा...
गगन पे चमके चंदा, मैं धरती पे चमकूँगी
धरती पर चमकूँगी, मैं उजियारा करूँगी
भावार्थ ➲ जिस तरह आकाश में चंद्रमा चमकता है, मैं भी ऐसे काम करूंगी कि इस दुनिया में मेरा नाम रोशन है, मैं ऐसा कार्य करूंगी कि जिनकी चमक से इस दुनिया में उजाला फैले यानि सबका भला हो।
पढूँगी-लिखूगी मैं मेहनत करूँगी,
अपने पाँव चलकर मैं दुनिया को देखुंगी
दुनिया को देगी मैं दुनिया को समझूगी।
भावार्थ ➲ मैं खूब पढ़ूंगी-लिखूंगी, और मेहनत करके आगे बढूंगी। मैं आत्मनिर्भर बनूंगी और आत्मनिर्भर बनकर इस संसार को समझने की कोशिश करूंगी। मैं स्वयं में समर्थ बनकर इस संसार को नापूंगी।
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Answer:
beti sabse achi hoti hai hame uska abhar karna chahiye
answer is up☝️☝️☝️
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