प्रश्न 2. निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ लिखिए-
(i) मोसो कहत मोल को लीन्हों।
(ii) मोहन मुखरिस की ये बातेंजसुमति सुन-सुन रीझै।
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Answer:
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Answer: (i) मोसो कहत मोल को लीन्हों।
(ii) मोहन मुखरिस की ये बातेंजसुमति सुन-सुन री |
उपरोक्त दोनो पंक्तियाँ सूरदास जी के पद "मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायों " से ली गयी है | इसमें उपरोक्त पहली पंक्ति में बालकृष्ण लाल अपनी यशोदा मैया से बलराम जी की उन्हें चिढ़ाने की विभिन्न तकरीरों की शिकायत करते हुए कह रहे हैं कि मुझे दाऊ भैया कहते हैं कि "तुम्हें यशोदा माँ ने मोल अर्थात दाम देकर खरीदा है |"
( 'तोहे जसुमति कब जायो 'अर्थात उन्होंने तुम्हें जन्म कब दिया ? इसी तरह अग्रिम पंक्तियों में भी वे बलराम जी की सारी शिकायते माता से करते है | इसी कारण मै खेलने नहीं जाता बालकृष्ण गुस्से से कहते हैं | )
(ii) मोहन मुख रिस की ये बातें जसुमति सुन-सुन रीझै।
इस पंक्ति में यशोदा मैया अपने लाला अर्थात छोटे से बालकृष्ण के मुँह से बारम्बार ये क्रोध भरी बतियाँ /बातें ) सुनकर मन ही मन प्रसन्न हो जाती हैं |
अंत में वे अपने लाला को यह कर मना लेती हैं कि बलराम तो जनम से धूर्त हैं | हे कान्हा मुझे इस गोधन (गायों ) की शपथ (कसम )हैं मैं ही तेरी माता हूँ और तू मेरा पूत (पुत्र ,बेटा ) है |