Hindi, asked by bramhesatyam, 4 months ago

प्रश्न-2 संगति का प्रभाव मनुष्य पर कैसा पडता है ?
प्रश्न-3 आपके विचार से एक सद्गुरू सम्पन्न व्यक्ति का व्यकि
प्रश्न-4 प्रस्तुत गद्यांश का उपर्युक्त शीर्षक दीजिए-​

Answers

Answered by abhayverma1488
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Explanation:

सत्संग से लौकिक और पारलौकिक दोनों प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं. यदि कोई मनुष्य इस जीवन में दुखी रहता है तो कम से कम कुछ समय के लिए श्रेष्ठ पुरुषों की संगति में वह अपने सांसारिक दुखों का विस्मरण कर देता है. महापुरुषों के उपदेश सदैव सुख शांति प्रदान करते हैं. दुख के समय मनुष्य जिनका स्मरण करके धीरज प्राप्त करता है. सत्संग में लीन रहने वाले मनुष्य को दुखों का भय नहीं रहता है. वह अपने दिल समझता है, जिससे दुखों का कोई कारण ही शेष नहीं रह जाता. सत्संग के प्रभाव से धैर्य लाभ होता है जिससे मन में क्षमा की शक्ति स्वयं ही आ जाती है. क्षमा सभी प्रकार के दुर्गुणों का विनाश कर देती है और मन को शांति व संतोष प्रदान करती है. इसी प्रकार के अन्य अनेक लाभ सत्संग द्वारा प्राप्त होते हैं. संगति का प्रभाव मन पर अनिवार्य रूप से पड़ता है अतः सत्संग में रहने वाला मनुष्य सदाचारी होता है. हमें भी सदस्य सज्जन पुरुषों की संगति करनी चाहिए और दुर्जन मनुष्य उसे दूर रहना चाहिए. दर्जनों के संग रहकर उत्कृष्ट गुणों वाला मनुष्य भी विनाश की ओर चला जाता है.

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