Hindi, asked by Aanyakhurana11, 9 months ago

प्रश्न 2- 'साहचर्यगत प्रेम' का क्या आशय है-​

Answers

Answered by Anonymous
2

Explanation:

देश-प्रेम का दावा कौन नहीं कर सकता?

उत्तर:

जो हृदय संसार की जातियों के बीच अपनी जाति की स्वतन्त्र सत्ता का अनुभव नहीं कर सकता, वह देश-प्रेम का दावा नहीं कर सकता।

MP Board Solutions

प्रश्न 2.

अपने स्वरूप को भूलने पर हमारी कैसी दशा होगी?

उत्तर:

अपने स्वरूप को भूलने पर हमारी दशा अपनी परम्परा से सम्बन्ध तोड़कर नई उभरी हुई इतिहास शून्य जातियों के समान होगी।

Answered by bhatiamona
1

'साहचर्यगत प्रेम' का क्या आशय है ?

साहचर्यगत का आशय है, साथ-साथ रहने से उत्पन्न प्रेम। एक ऐसा प्रेम जो साथ साथ रहने से उत्पन्न होता है।

व्याख्या :

साहचर्यगत ऐसा प्रेम है, वो उनके साथ हो जाता है, जिनके साथ हम निरंतर रहते हैं, जिनके बीच हम रहते हैं, जिन्हें हम निरंतर अपनी आंखों से देखते रहते हैं, जिनकी बातें सुनते रहते हैं। जिनके साथ हमारा हर पल, हर घड़ी का साथ रहता है। जिनके साथ रहने का हमें आदत पड़ जाती है और उनके प्रति हमारे मन में राग उत्पन्न हो जाता है।

यह प्रेम व्यक्ति से ही नहीं वस्तु अथवा स्थान से भी हो सकता है। मित्र से हो सकता है, अपने घर से हो सकता है, किसी प्रिय वस्तु से हो सकता है, अपने देश से हो सकता है, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, जंगल, पर्वत किसी से भी हो सकता है। हम जिस वातावरण में रह रहे हैं, उस वातावरण से हो सकता है।

#SPJ3

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