प्रश्न-2 तनम्नभलखखत गदयांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भलखखए- हमें अपने घर के आस-पास पेड़-पौिे लगाने चाटहए I न्जसके पास ज़मीन नहीं है वे गमलों में पौिे उगाते हैंI कुछ लोग केवल फूलों वाले पौिे जैसे गुलाब, गेंदा, गुड़हल और चमेली के पौिे उगाते हैंतर्ा कुछ लोग क्यारी बनाकर उसमे साग-सब्जी के पौिे उगाते हैंI अधिक ज़मीन वाले लोग आम, अमरूद, करौंदा, नींबू, के ला, अनार आटद के पेड़ उगाते हैंI वे अपने पेड़-पौिों की देखिाल करके बहुत खुश होते हैंI पेड़-पौिों को लगाने से हमें ताज़े फल और सन्ब्ज़याूँ भमल जाती हैंI पेड़-पौिे हमारे स्वास््य के भलए वरदान हैंI प्रश्न-क पेड़-पौिे लगाने से क्या लाि हैं? प्रश्न-ख अधिक ज़मीन वाले लोग क्या उगाते हैं? प्रश्न-ग पेड़-पौिों की देखिाल क्यों ज़रूरी है ? प्रश्न-घ गदयांश का उधचत शीषथक भलखखए I
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हम अक्सर अख़बारों में पढ़ते हैं कि ‘फलां साल में इतने करोड़ पौधे लगाए गए’ या ‘उस संस्था ने पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बनाया’। लेकिन ये शायद कभी पता नहीं चलता कि उन लगाए गए पौधों में कितने पेड़ बने?
हमारी आपकी तरह ये सवाल लखनऊ की मंजरी अनिल उपाध्याय के मन में भी उठता था। ये सब बस ख्याल बनकर रह जाता अगर उस दिन उन्हें सड़क किनारे पौधों में पानी डालते वे दो युवक न दिखते।
“मुझे बच्चों के स्कूल आने- जाने के रास्ते मे कई बार दो युवक सड़क किनारे लगे पौधों को पानी देते नजर आये। लड़के अच्छे घर से और पढ़े- लिखे दिख रहे थे। एक दिन मैंने उनसे उत्सुकता वश पूछा तो पता चला वे दोनों लखनऊ से 300 किलोमीटर दूर अपने लगाए पेड़ों को पानी देने आते हैं।” – मंजरी
अगले दिन बच्चों को स्कूल छोड़ते वक़्त, मंजरी ने कार में एक बोतल पानी रख लिया। लौटते वक्त जब उन्होंने पौधों को पानी दिया तो उन्हें अजीब सा सुकून मिला। फिर ये रोज का सिलसिला हो गया।