प्रश्न 2-दिए गए अपठित पद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोए थे,
सोचा था, पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे,
रूपयों की फलदार मधुर फसलें खनकेंगी,
और, फूल-फल कर, मैं मोटा सेठ बनूंगा!
पर बंजर धरती में एक न अंकुर फूटा,
बंध्या मिट्टी ने न एक भी पैसा उगला!
सपने जाने कहाँ मिटे, सब धूल हो गए!
मैं हताश हो, बाट जोहता रहा दिनों तक,
बाल कल्पना के अपलक पाँवड़े बिछाकर!
मैं अबोध था, मैनें गलत बीज बोए थे,
ममता को रोपा था, तृष्णा को सींचा था!
क) कवि ने कैसे व किसके बीज बोए थे तथा पेड़ के विषय में क्या सोचा था?
ख) कवि की सोच के विपरीत क्या हुआ?
ग) कवि ने किसको सींचा था व क्या रोपा था?
घ) अपलक' शब्द में से मूलशब्द व उपसर्ग अलग-अलग कीजिए।
ड) 'छुटपन' शब्द के दो पर्यायवाची शब्द लिखिए।
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