Hindi, asked by AvaniAvani, 5 hours ago

प्रश्न (2) दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर उचित शीर्षक देते हुए लघुकथा (150-200 शब्दों
में ) लिखिए।
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किसी नगर में एक ईमानदार एवं कर्तव्यपरायण व्यक्ति
जीवन में दुर्घटनाः का
घटित होना कारोबार नष्ट ईश्वर में आस्था व स्वयं की मेहनत पर विश्वास -
एक नए जीवन की
शुरुआत -मेहनत करना --परिवार का सहयोग सफलता प्राप्त
--
करना।​

Answers

Answered by danperumal2012
0

Answer:

गुजरात में एक प्रसिद्ध वकील रहा करते थे ।

एक बार

वे एक मुकदमा लड़ रहे थे कि गाँव

में उनकी

पत्नी बीमार हो गई ।

.

वे उसकी सेवा करने गाँव पहुचे

कि उन्ही

दिनों उनके मुक़दमे की तारीख

पड़ गई ।

.

एक तरफ उनकी पत्नी का

स्वास्थ्य था, तो

दूसरी और उनका मुकदमा ।

.

उन्हें असमंजस में देख पत्नी ने

कहा -

"मेरी चिंता न करे, आप शहर

जाये ।

आपके न रहने

पर कहीँ किसी बेकसूर को सजा

न हो जाये।"

.

वकील साहब दुःखी मन से शहर

पहुचे

और जब वे अपने मुवक्किल के पक्ष

में जिरह करने खड़े हुए

ही थे कि किसी ने उनको एक

टेलीग्राम लाकर दिया ।

.

उन्होंने टेलीग्राम पढ़कर अपनी

जेब में

रख लिया और बहस जारी रखी ।

अपने

सबूतो के आधार पर उन्होंने अपने

मुवक्किल को

निर्दोष सिद्ध कर

दिया , जो कि वह था भी ।

.

सभी लोग वकील साहब को

बधाई देने

पहुँचे और उनसे पूछने लगे कि

टेलीग्राम में क्या लिखा

था ?

.

वकील साहब ने जब वह

टेलीग्राम

सबको दिखाया तो वे अवाक् रह

गए ।

उसमे उनकी

पत्नी की मृत्यु का समाचार था।

लोगों ने

कहा - "आप अपनी बीमार

पत्नी को छोड़कर कैसे आ गए ?"

.

वकील साहब बोले -"आया तो

उसी के

आदेश से ही था ; क्योकि वह

जानती

थी कि बेकसूर को बचाने का

कर्तव्य सबसे बड़ा धर्म

होता है "।

.

वे वकील साहब और कोई नहीं -

सरदार

वल्लभ भाई पटेल थे , जो अपनी

इसी

कर्तव्यपरायणता के कारण लौह

पुरुष कहलाये।

कर्त्तव्य निष्ठ का शाब्दिक अर्थ ईमानदारी होता हैं।

अनुरोध के लिए धन्यवाद

अलोक:-)

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