प्रश्न-21 निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ,प्रसंग तथा विशेष सहित व्याख्या लिखिए -
'जब - जब वै सुधि कीजिये,
तब - तब सब सुधि जाँहि।
आँखिन आँखि लगी रहै,
आँखें लागति नाँहि ।।"
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xulxjgxjfll,hfl,hfufzulzufzutxhf
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संदर्भ : यह पद हिंदी साहित्य के रीतिकाल के रीतिसिद्ध कवि बिहारी लाल द्वारा रचित बिहारी सत्साई से लिया गया है
प्रसंग : इस पद के माध्यम से बिहारी जी एक भी वियोगिनी नायिका की दशा को दिखाते हैं
व्याख्या : इस छंद में एक वियोगिनी नायिका अपनी सखी से कहती है कि जब जब मैं अपने प्रियतम को याद करती हूं तो तब तब मैं अपनी सुधि खो जाती हूं उनकी आंखों के ध्यान में मेरे हृदय रूपी आंखें लगी रह जाती हैं और मुझे नींद नहीं आती
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