प्रश्न-22 निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
[1-1-2-1-51
"सूरज डूबने लगा और धीरे-धीरे ग्लेशियरों में पिचली केसर बहने लगी। बरफ कमल के लाल फूलों
में बदलने लगी, घाटियाँ गहरी पोली हो गई। अंधेरा होने लगा तो हम उठे और मुंह-हाथ धोने और
चाय पीने लगे। पर सब चुपचाप थे. गुमसुम जैसे सबका कुछ चिन गया हो, या शायद सबको कुछ
ऐसा मिल गया हो, जिसे अंदर ही अंदर सहेजने में सब आत्मलीन हों या अपने में डूब गए हो।
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ham uthe aur munh hath dhone aur
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