प्रश्न-23 भारत के सीमांकित मानचित्र में निम्नलिखित स्थानों को प्रदर्शित कीजिए। (1) चौरा चोरी स्थान (2) संथाल विदोह का प्रारंभिक केंद्र (ज) रैयतवाडी व्यवस्था का प्रारंभिक केंद्र (4) बैलाश नाथ मंदिर अपवा
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भारत के सीमांकित मानचित्र में निम्नलिखित स्थान इस प्रकार हैं..
(1) चौरा चोरी स्थान : चौरा-चौरी नामक स्थान वर्तमान उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिले में स्थित एक कस्बा है। चौरा-चौरी नामक स्थान भारत की आजादी से पहले ब्रिटिश भारत के संयुक्त प्रांत के गोरखपुर जिले में स्थित था। यही संयुक्त प्रांत वर्तमान का उत्तर प्रदेश है। चौरा-चौरी गाँव में होने वाला चौरा-चौरी कांड महात्मा गाँधी द्वारा देश की आजादी के लिये चलाने जाने वाले असहयोग आंदोलन के दौरान होने वाले इन हिंसासात्मक प्रदर्शन के लिए कुख्यता है।
चौरा-चौरी गाँव में ही 4 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले आंदोलनकारियों ने एक पुलिस चौकी में आग लगा दी थी, जिससे 22 पुलिसकर्मी जल कर मर गए। इस हिंसात्मक घटना से दुखी होकर ही महात्मा गाँधी ने 12 फरवरी 1922 को समय से पहले ही असहयोग आंदोलन को समाप्त घोषित कर दिया।
(2) संथाल विदोह का प्रारंभिक केंद्र : संथाल विद्रोह का केंद्र झारखंड था। संथाल विद्रोह 1855-56 का यह विद्रोहअंग्रेजी शासन के खिलाफ महत्वपूर्ण विद्रोह था। इस विद्रोह का कारण संथाल जनजाति के लोगों के साथ भूमिकर अधिकारियों का गलत व्यवहार किया जाना, पुलिस का दमन तथा जमीदारों और साहूकारों का अन्याय एवं अत्याचार था।
(3) रैयतवाडी व्यवस्था का प्रारंभिक केंद्र : रैयतवाड़ी व्यवस्था को सबसे पहले मद्रास राज्य के बारामहल जिले में लागू किया गया था। यह व्यवस्था 1792 ईस्वी में मद्रास के गवर्नर थॉमस मुनरो द्वारा लागू की गई थी। इसके इस व्यवस्था के अंतर्गत कुल कृषि उपज के तीसरे भाग को भूमि कर का आधार माना गया।