प्रश्न-24 फर्म के पूर्ति वक्र के निर्धारक तत्वों का वर्णन कीजिये-
अथवा
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Essay # 1. मजदूरी कोष सिद्धान्त (Wage Fund Theory):
इस सिद्धान्त का प्रतिपादन अर्थशास्त्र के जनक प्रो. एडम स्मिथ ने किया, परन्तु इसे सही रूप में प्रस्तुत करने का श्रेय जे. एस. मिल (J. S. Mill) को जाता है । प्रो. मिल के अनुसार मजदूरी श्रम की पूर्ति व श्रम की माँग की सापेक्षिक दशाओं पर निर्भर करती है ।
मजदूरी जनसंख्या व पूँजी के अनुपात पर निर्भर करती है अर्थात् श्रमिक वर्ग की वह संख्या जो प्रचलित मजदूरी दर पर काम करने के लिए तैयार है तथा राष्ट्रीय आय का वह भाग जो प्रत्यक्ष रूप से श्रम की सेवाओं को खरीदने के लिए रखा गया है । यही पूँजी की मात्रा जो श्रम की सेवाओं को खरीदने के लिए रखी जाती है मजदूरी कोष (Wage Fund) कहलाती है ।
एक निश्चित समय के लिए यह मजदूरी कोष (Wage Fund) भी निश्चित होता है । मजदूरी कोष निश्चित होने के कारण मजदूरी दर श्रमिकों की संख्या पर निर्भर करती है । श्रमिकों की संख्या अर्थात् पूर्ति बढ़ने पर स्वाभाविक रूप से मजदूरी दर कम होगी और श्रमिकों की संख्या कम होने पर मजदूरी दर अधिक होगी ।