प्रश्न 24-निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए।
यही थी क्या उनकी पत्नी, जिसके हाथों में कोमल स्पर्श, जिसकी
मुस्कान की याद में उन्हों सम्पूर्ण जीवन काट दिया था? उन्हें लगा
कि वह लावण्यमयी युवती जीवन की राह में कही खो गइ है, और
उसकी जगह आज जो स्त्री है वह उनके मन और प्राणों के लिए नितान्त अपरिचिता है
"सभ्यता की वर्तमान स्थिति में एक व्यक्ति को दूसरे से वैसा भय तो नहीं रहता जैसे पार
रहा करता था, पर एक जाति को दूसरी जाति, एक देश को दूसरे देश से. भय के स्थायी का
प्रतिष्टित हो गए है। सबल, और निर्बल देशों के बीच अर्थ शोषण की प्रक्रिया अनवरत चल रही
एक क्षण का विराम नहीं है।
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Sorry i didn't know the answer to your question
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