प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-
ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।
परिचत तो बहुत होते है पर नित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि नैत्री एकति गांव है जिनके
समर्पण और त्याग की भावना नुख्य होती है। मैत्री में सबसे बावश्यक है परस्पर विस्वर निक
सखा। गुरू त्या नाता है जो, सबके स्थानों को पूर्ण करता है।
1. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।
2. मनुष्य एक केसा प्राणी है ।
3. मित्र किस किस के स्थानों की पर्ति करता है।
4. मित्रता के लिए किस बात की आवश्यकता है।
Answers
Answer:
चनडीएचजेएचडीवीएनएमकेएसएचबीडी ढूर्जंती
Explanation:
फजेक कतखद कतख। गखड़क खदजो डीजेकेजीएफ डीएचजेएसआईएनबीएसजज़ एनएफजे
Answer:
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।परिचत तो बहुत होते है पर नित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि नैत्री एकति गांव है जिनके
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।परिचत तो बहुत होते है पर नित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि नैत्री एकति गांव है जिनकेसमर्पण और त्याग की भावना नुख्य होती है। मैत्री में सबसे बावश्यक है परस्पर विस्वर निक
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।परिचत तो बहुत होते है पर नित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि नैत्री एकति गांव है जिनकेसमर्पण और त्याग की भावना नुख्य होती है। मैत्री में सबसे बावश्यक है परस्पर विस्वर निकसखा। गुरू त्या नाता है जो, सबके स्थानों को पूर्ण करता है।
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।परिचत तो बहुत होते है पर नित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि नैत्री एकति गांव है जिनकेसमर्पण और त्याग की भावना नुख्य होती है। मैत्री में सबसे बावश्यक है परस्पर विस्वर निकसखा। गुरू त्या नाता है जो, सबके स्थानों को पूर्ण करता है।1. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।परिचत तो बहुत होते है पर नित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि नैत्री एकति गांव है जिनकेसमर्पण और त्याग की भावना नुख्य होती है। मैत्री में सबसे बावश्यक है परस्पर विस्वर निकसखा। गुरू त्या नाता है जो, सबके स्थानों को पूर्ण करता है।1. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।2. मनुष्य एक केसा प्राणी है ।
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।परिचत तो बहुत होते है पर नित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि नैत्री एकति गांव है जिनकेसमर्पण और त्याग की भावना नुख्य होती है। मैत्री में सबसे बावश्यक है परस्पर विस्वर निकसखा। गुरू त्या नाता है जो, सबके स्थानों को पूर्ण करता है।1. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।2. मनुष्य एक केसा प्राणी है ।3. मित्र किस किस के स्थानों की पर्ति करता है।
प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रसों के उत्तर लिख-ननुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उत्तके बक्तत्व को कसन नह केज.ले।परिचत तो बहुत होते है पर नित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि नैत्री एकति गांव है जिनकेसमर्पण और त्याग की भावना नुख्य होती है। मैत्री में सबसे बावश्यक है परस्पर विस्वर निकसखा। गुरू त्या नाता है जो, सबके स्थानों को पूर्ण करता है।1. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।2. मनुष्य एक केसा प्राणी है ।3. मित्र किस किस के स्थानों की पर्ति करता है।4. मित्रता के लिए किस बात की आवश्यकता है।