प्रश्न 3. 'अरुण तिलक दिये भाल' में ' भाल ' का
शाब्दिक अर्थ क्या है ? *
O (क) माथा
O (ख ) होंठ
O (ग) हृदय
O (घ ) पाँव
Answers
'अरुण तिलक दिये भाल' में ' भाल ' का शाब्दिक अर्थ माथा है।
Explanation:
हिंदू धर्म में, तिलक एक चिन्ह है जिसे आमतौर पर माथे पर पहना जाता है, कभी-कभी शरीर के अन्य हिस्सों जैसे गर्दन, हाथ या छाती पर। तिलक को केवल क्षेत्रीय रीति-रिवाजों के आधार पर, दैनिक या केवल अनुष्ठानों या विशेष धार्मिक अवसरों के लिए पहना जा सकता है।
तिलक आमतौर पर सिंदूर से बनाया जाता है, जो एक चमकीले लाल रंग का होता है और पवित्र प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
विकल्प क सही उत्तर है।
Answer: 'अरुण तिलक दिये भाल' में ' भाल ' का
शाब्दिक अर्थ है :- (क) माथा
इसके अन्य पर्यायवाची शब्द है = ललाट, मस्तिष्क
इस पंक्ति का अर्थ है :- "लाल (रंग {रोली का रंग लाल होता है जैसे उगते हुए सूरज का होता है } ) तिलक माथे पर लगाया "
इसका अन्य प्रयोग देखिये :- १) मंत्र महामनि बिषय ब्याल के। मेटत कठिन कुअंक भाल के ॥
:- रामचरित मानस (तुलसीदास कृत )
२) भाल तिलक श्रम बिन्दु सुहाए। श्रवन सुभग भूषन छबि छाए॥:- रामचरित मानस (तुलसीदास कृत )