प्रश्न 3. बचपन में लेखक के साथ जो कुछ हुआ, आप कल्पना करें कि आपके साथ
भी हुआ हो-ऐसी स्थिति में आप अपने अनुभव और प्रतिक्रिया को अपनी भाषा में
लिखिए।
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बचपन में लेखक के साथ जो कुछ हुआ, आप कल्पना करें कि आपके साथ भी हुआ हो-ऐसी स्थिति में आप अपने अनुभव और प्रतिक्रिया को अपनी भाषा में लिखिए।
➲ यह प्रश्न ‘ओमप्रकाश वाल्मीकि’ द्वारा लिखी गई “जूठन” नामक आत्मकथा से संबंधित है। जिसमें लेखक ने अपने बचपन में जातिगत भेदभाव के आधार पर अपने साथ अपने और अपने समाज के लोगों के साथ किए गए जातिगत भेदभाव का वर्णन किया है। चूहड़ा जाति से संबंध रखने वाले लेखक के बचपन में उनके समाज के लोगों के साथ कैसा अमानवीय एवं घृणित व्यवहार किया जाता था, लेखक ने अपनी आत्मकथा के माध्यम से इस विषय को उकेरा है। बारात में बचे हुए जूठे भोजन को पाने के लिए उनके समाज के लोग बरात स्थल पर लाइन में जमा रहते थे और उसी जूठन पर उनका पूरा जीवन व्यतीत व्यतीत होता था। तथाकथित उच्च जाति के लोगों द्वारा छोड़ा गया भोजन उनके समाज के लिये मुख्य भोजन था।
हमारे साथ भी बचपन में ऐसी यदि ऐसी कोई घटना घटित होती तो हमारे अंदर भी एक आक्रोश उत्पन्न होता कि भगवान ने सभी मनुष्यों को समान बनाया है तो फिर कुछ मनुष्यों को क्यों इतना ऊंचा दर्जा और कुछ मनुष्यों को क्यों इतना अमानवीय और घृणित दर्जा दे दिया जाता है। जाति के आधार पर किये जाने वाले भेदभाव के प्रति हम भी अपनी आवाज जरूर उठाते और समाज से इस बुराई को पूरी तरह खत्म करके ही चैन लेते।
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