प्रश्न 3.
भारत में किस मूल अधिकार को संविधान की आत्मा कहा गया है?
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Answer:
संवैधानिक उपचारों का अधिकार को संविधान की आत्मा कहा गया हैl
Explanation:-
संवैधानिक उपचारों का अधिकार:-
- मूल अधिकारों की संवैधानिक घोषणा तब तक अर्थहीन, तर्कहीनएवं शक्तिविहीन है, जब तक कि कोई प्रभावी मशीनरी उसे लागू करने के लिए न हो। इस तरह अनुच्छेद 32 संवैधानिक उपचार का अधिकार प्रदान करता है।
- दूसरे शब्दों में, मूल अधिकारों के संरक्षण का अधिकार स्वयं में ही मूल अधिकार है। यही व्यवस्था, मूल अधिकारों को वास्तविक बनाती है। इसीलिए डॉ. अंबेडकर ने अनुच्छेद 32 को संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद बताया, "एक अनुच्छेद जिसके बिना संविधान अर्थविहीन है, यह संविधान की आत्मा और हृदय है।" उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है।कि अनुच्छेद 32 में संविधान की मूल विशेषताएं हैं। इस तरह इसे संविधान संशोधन के तहत बदला नहीं जा सकता।
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@GauravSaxena01
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