प्रश्न 3. पाठ धर्म की आड़ के लेखक के विचार कितने कारगर सिद्ध हो सकते हैं?
(A) लेखक के विचारों का अनुसरण करके मानवमात्र का कल्याण हो सकता है?
(B) धर्म को बढ़ावा मिल सकता है।
(C) समाज से सांप्रदायिकता समाप्त हो सकती है।
(D) उपर्युक्त सभी कथन सत्य है।
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“जिस क्रिया का फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़े, उसे ‘सकर्मक क्रिया’ कहते हैं।”
अतएव, यह आवश्यक है कि वाक्य की क्रिया अपने साथ कर्म लाये। यदि क्रिया अपने साथ कर्म नहीं लाती है तो वह अकर्मक ही कहलाएगी। नीचे लिखे वाक्यों को देखें :
(i) प्रवर अनू पढ़ता है। (कर्म-विहीन क्रिया)
(ii) प्रवर अनू पुस्तक पढ़ता है। (कर्मयुक्त क्रिया)
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