प्रश्न-3
परिच्छेद को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए |
बापू का स्पष्ट मत था कि स्वर्ग का राज्य
बच्चों के लिए है। बच्चों के सिवा उसमें कोई
प्रवेश नहीं कर पाता, क्योंकि बच्चे निर्दोष हुआ करते हैं | उनके जैसा छलरहित, निष्पाप और भोला-भाला
संसार में कोई नहीं, अगर किसी बच्चे में अवगुण हैं, कोई बुराई है तो यह उसका दोष नहीं। उसकी आस-
पास रहने वाले व्यक्तियों का दोष है, क्योंकि बच्चा जो कुछ सीखता है अपने आस-पास के वातावरण से
सीखता है। बच्चों को पीटना बापू की दृष्टि में एक महापाप है | कारण कोई भी हो, कैसा भी अपराध हो
गया हो, भय दिखाकर या मार-पीटकर बच्चे के साथ दुर्व्यवहार करना कभी उचित नहीं | बच्चों की
गलतियों को उन्हें प्रेम-स्नेह से समझा देना चाहिए | ऐसा करने से उनमें सुधार आ सकता है |
प्रश्न:
1. बापू
की दृष्टि से क्या करना सब से बड़ा पाप है ?
2. बच्चों के सुधार के लिए बापू कौन-सा मार्ग बताते हैं ?
के मतानुसार
बच्चे किसके अधिकारी हैं ? क्यों ?
4. परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए |
3. बापू
roS4
वा
Answers
Answered by
3
Answer:
1) बच्चों को पीटना बापू की दृष्टि में एक महापाप है |
2) बच्चों की गलतियों को उन्हें प्रेम-स्नेह से समझा देना चाहिए |
4) बापूजी का मत
Similar questions