प्रश्न 3.
स्वामी दयानन्द सरस्वती के जीवन व सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
Answers
Explanation:
(i) उन्होंने हिंदी का उपयोग राष्ट्रभाषा के रूप में किया, और एकमात्र माध्यम जिसमें उन्होंने अपने काम की रचना की। सामाजिक बुराइयों के समाज को साफ करने के उद्देश्य से, उन्होंने 1874 में 'सत्यार्थप्रकाश' पुस्तक लिखी, और 1875 में आर्य समाज की शुरुआत की।
(ii) आर्य समाज के मुख्य सिद्धांत स्वामी दयानंद के जीवन की सच्ची शिक्षाओं, सत्य शिक्षा, बुरी शिक्षा का विनाश, मूर्ति पूजा का विरोध, महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करना, अच्छा और सामंजस्यपूर्ण व्यवहार आदि थे।
(iii) स्वामीजी समाज से सामाजिक बुराइयों को दूर करने में दृढ़ विश्वास रखते थे। उनमें सबसे प्रमुख थे अस्पृश्यता, कन्या-भ्रूण हत्या, घूंघट प्रथा, मूर्ति पूजा, अंधविश्वास और रूढ़िवादी मान्यताएं और बाल विवाह।
(iv) उन्होंने महिलाओं के लिए समानता का भी आह्वान किया, जिसमें कहा गया कि वेद का मानना था कि पुरुष और महिला समान थे। विशेष रूप से, उन्हें आर्य समाज के माध्यम से महिला शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए जाना जाता है।