Social Sciences, asked by arnikadevi2, 2 months ago


प्रश्न 39. अल्लाउद्दीन खिलजी द्वारा प्रारंभ किए गए दाग एवं हुलिया प्रथा क्या थे?​

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Answered by Anonymous
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प्रश्न:⤵️

अल्लाउद्दीन खिलजी द्वारा प्रारंभ किए गए दाग एवं हुलिया प्रथा क्या थे?

उत्तर:⤵️

प्राचीन काल में अलाउद्दीन खिलजी जो दिल्ली का सुल्तान था। वह अपने साम्राज्य विस्तार के लिए बहुत ही लालायित था वह एक वीर, निडर और महत्वाकांक्षी राजा था। वह अपने साम्राज्य को बहुत विशाल करना चाहता था तथा विशाल करने के लिए यह आवश्यक था कि वह अपने प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करें क्योंकि जब तक प्रशासक ईमानदारी से कार्य नहीं करेंगे तब तक के साम्राज्य का विस्तार होना असंभव था इसलिए उन्होंने विशेषत: सेना में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए हुलिया प्रथा का प्रचलन शुरू किया।

वास्तव में यह सैनिकों के चेहरे का लेखा-जोखा या व्योरा होता था जिसमें सैनिकों के चेहरे से संबंधित सारे तथ्य लिखे जाते थे उनके नाक कैसी हैं उनके आंखें कैसी है उनके कान कैसे हैं उनका रंग कैसा है वह काले हैं या गोरे हैं वे पतले हैं मोटे हैं इन सारे शरीर के अंगों का विशेषकर चेहरे का हुलिया अर्थात बनावट का लेखा जोखा रखा जाता था इसी को हुलिया प्रथा कहते हैं। प्राचीन काल में कैमरा तो नहीं था जिससे सैनिकों की फोटो देखकर पहचान सके कि किस ने भ्रष्टाचार किया है इसलिए उस समय सैनिकों के चेहरे का ही विवरण तैयार किया जाता था ताकि सैनिकों को आसानी से पहचाना जा सके इसलिए भ्रष्टाचार मुक्ति के उद्देश्य से हुलिया प्रथा प्रारंभ की गई थी।

घोड़े को भी पहचानने का एक तरीका इन्होंने निकाला था, घोड़े को अलाउद्दीन खिलजी के जो सैनिक थे वह चिन्हांकित करते थे दागते अर्थात घोड़े को दागने की प्रथा भी अलाउद्दीन खिलजी ने प्रारंभ की थी।

Answered by bikramgorai2009
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Answer:

मामोणी कुमारी

Explanation:

मामोणी कुमारीस अल्लादीन कॉलेज द्वारा प्रभाव क्या गया दाग एवं होलिया प्रथा क्या थी

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