Social Sciences, asked by aryanmehra7369021723, 1 month ago

प्रश्न 39. अल्लाउद्दीन खिलजी द्वारा प्रारंभ किए गए दाग एवं हुलिया प्रथा क्या थे?
प्रश्न 40. मध्यकालीन इतिहास के चार प्रमुख साहित्यिक स्रोतों के नाम लिखें।
प्रश्न 41. पृथ्वी की आंतरिक संरचना को जानने में भूकंपीय तरंग का क्या महत्व है?
दीर्घ उतरीय प्रश्न
प्रश्न 42. चोल सामाज्य में स्थानीय स्वशासन की महत्वपूर्ण विशेषताओं को लिखें।
प्रश्न 43. शेरशाह द्वारा जनकल्याण के लिए कौन-कौन से कार्य किए गए थे, वर्णन करें।
प्रश्न 44. निर्वाचन आयोग के कार्यों का वर्णन करें।​

Answers

Answered by rajumini5051
5

Answer:

39.प्राचीन काल में अलाउद्दीन खिलजी जो दिल्ली का सुल्तान था। ... घोड़े को भी पहचानने का एक तरीका इन्होंने निकाला था, घोड़े को अलाउद्दीन खिलजी के जो सैनिक थे वह चिन्हांकित करते थे दागते अर्थात घोड़े को दागने की प्रथा भी अलाउद्दीन खिलजी ने प्रारंभ की थी।

40.तुजुक-ए-बाबरी

हुमायूंनामा

तबकात-ए-अकबरी

तारीख-ए-शेरशाही

अकबरनामा

आईने-अकबरी

मुन्तखाब-उत-तवारीख

तुजुक-ए-जहांगीरी

41.: पृथ्वी की आंतरिक संरचना को जानने के लिये P और S तरंगों से विशेष रूप से सहायता मिलती है। ... की गहराई पर भूकंपीय तरंगों की गति अचानक बढ़ जाती है क्योंकि चट्टानों के घनत्व एवं प्रत्यास्थता में वृद्धि होती है। 100-200 किमी. की गहराई में भूकंपीय तरंगों की गति कम होती है।

42उपर्युक्त दीर्घकालिक प्रभुत्वहीनता के पश्चात् नवीं सदी के मध्य से चोलों का पुनरुत्थन हुआ। इस चोल वंश का संस्थापक विजयालय (850-870-71 ई.) पल्लव अधीनता में उरैयुर प्रदेश का शासक था। विजयालय की वंशपरंपरा में लगभग 20 राजा हुए, जिन्होंने कुल मिलाकर चार सौ से अधिक वर्षों तक शासन किया। विजयालय के पश्चात् आदित्य प्रथम (871-907), परातंक प्रथम (907-955) ने क्रमश: शासन किया। परांतक प्रथम ने पांड्य-सिंहल नरेशों की सम्मिलित शक्ति को, पल्लवों, बाणों, बैडुंबों के अतिरिक्त राष्ट्रकूट कृष्ण द्वितीय को भी पराजित किया। चोल शक्ति एवं साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक परांतक ही था। उसने लंकापति उदय (945-53) के समय सिंहल पर भी एक असफल आक्रमण किया। परांतक अपने अंतिम दिनों में राष्ट्रकूट सम्राट् कृष्ण तृतीय द्वारा 949 ई. में बड़ी बुरी तरह पराजित हुआ। इस पराजय के फलस्वरूप चोल साम्राज्य की नींव हिल गई। परांतक प्रथम के बाद के 32 वर्षों में अनेक चोल राजाओं ने शासन किया। इनमें गंडरादित्य, अरिंजय और सुंदर चोल या परातक दि्वतीय प्रमुख थे।

43.मसलन - रूपए का प्रचलन, भूमि पैमाइश और उस पर कर लगाना, प्रशासन के प्रभावी संचालन के लिए खुफिया व्यवस्था का गठन, परिवहन के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय काम, डाक-व्यवस्था इत्यादि ।

44.भारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ एवं राज्‍य निर्वाचन प्रक्रियाओं का संचालन करने के लिए उत्तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं, देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है।

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