प्रश्न: 4[अ] अपठित गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(05)
सत्य की बड़ी महिमा है। मनुष्य को अपने वास्तविक विश्वासों को प्रकट करने का साहस होना चाहिए।
चरित्रवान मनुष्यों के लिए यह गुण अत्यंत आवश्यक है। भय अथवा खुशामद के लिए झूठ बोलना निंदनीय कार्य है। संसार में
दूसरों को उपदेश देने में कुशल लोगों की कमी नहीं है, पर कर्तव्य-परायण लोगों की कमी है , इसी कारण संसार की सुंदर से
सुंदर योजनाएँ निष्फल हो जाती हैं | जो लोग विपत्ति आने पर भी विचलित नहीं होते , प्रलोभनों के जाल में नहीं फँसते और
ध्येय की पूर्ति के लिए लाभ-हानि का ख्याल नहीं करते , वे ही सच्चे कर्तव्यपरायण समझे जाते हैं |
प्रश्न: 1. मनुष्य में किस प्रकार का साहस होना चाहिए ?
2. किस प्रकार के कार्य को निंदनीय कहा गया है?
3. संसार में कैसे लोगों की कमी नहीं है?
4. संसार की सुंदर से सुंदर योजनाएँ क्यों निष्फल हो जाती है?
5. गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |
नि प्रवास में जाने के लिगा पिता को अनमति पत्र लिखो
(04
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Answer:
- वास्तविक स्वरूप को प्रकट करने का।
- अथवा खुशामद के लिए झूठ बोलना।
- दूसरों को उपदेश देने में कुशल।
- क्योंकि कर्तव्य परायण लोगों की कमी है।
- चरित्रवान मनुष्य।
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