प्रश्न 4. 'गिल्लू' जातिवाचक संज्ञा से व्यक्तिवाचक संज्ञा कसे बना?
प्रश्न 5. पाठ के अनुसार कैसे-कैसे हाथ खुशबू रचते हैं?
नमानी
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------ तीन-चार मास में उसके स्निग्ध रोंएँ, झब्बेदार पूँछ और चंचल चमकीली आँखें सबको विस्मित करने लगीं। हमने इसकी जातिवाचक संज्ञा को व्यक्तिवाचक का रूप दे दिया और इस प्रकार हम उसे "गिल्लू" कहकर बुलाने लगे।
------- खुशबू रचते हैं हाथ’ ऐसा कवि ने इसलिए कहा है जिन हाथों द्वारा दुनिया भर में खुशबू फैलाई जाती है, वे हाथ गंदे हैं, गंदी जगहों पर रहते हैं और अभावग्रस्त जीवन जीने को विवश हैं।
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