प्रश्न 4. 'गिल्लू' जातिवाचक संज्ञा से व्यक्तिवाचक संज्ञा कैसे बना?
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उत्तर: गिलहरी जातिवाचक संज्ञा है। इससे सभी गिलहरियों का बोध होता है। लेकिन गिल्लू एक खास गिलहरी का नाम है, जब लेखिका ने गिलहरी के बच्चे को गिल्लू नाम दिया तो वह एक व्यक्तिवाचक संज्ञा बन गया।
गिल्लू:-
# लेखिका के घर में अनेक पशु पक्षी थे। लेखिका सभी से प्रेम करती थी, किंतु इनमें से किसी भी जीव की ऐसी हिम्मत नहीं थी कि वह लेखिका के साथ उसकी थाली में खाए।
# लेकिन गिल्लू इन सब में से अलग था वह एक गिलहरी का बच्चा था। लेकिन वह सबसे समझदार था। लेखिका को अपनी और आकर्षित करने और प्रसन्न करने के लिए वह पर्दे पर दौड़ लगाता था ऊपर नीचे।
# लेखिका की थाली के पास बैठकर बड़े ढंग से एक-एक कर चावल खाया करता था। लेखिका के अस्वस्थ होने पर उनके सिरहाने के पास बैठकर उनके सिर और बालों को बड़े धीरे-धीरे से चलाता था। इन्हीं कामों को देखकर सभी बड़े आश्चर्य होते थे।
# गिल्लू को लेखिका से दूर रहना सहन नहीं होता था। जब लेखिका अस्पताल में भर्ती होने के कारण बहुत दिनों तक घर नहीं आ पाई तब गिल्लू मां से बिछड़े बच्चे की तरह उदास और व्याकुल रहने लगा। उसका व्यवहार बदल सा गया। जब कोई दरवाजे खटखटा था तो वह दौड़ कर जाता उसे लगता था कि लेखिका आ गई परंतु वह दूसरे को देख कर उदास हो जाता। उसने अपने प्रिय भोजन काजू भी खाना कम कर दिया था। इसका कारण यह था कि गिल्लू अपनी लेखिका को अपनी मां की तरह समझने लगा था और लेखिका उसे अपने बच्चे की तरह।