प्रश्न 4.
किस अधिनियम को मार्ले-मिन्टो सुधार के नाम से जाना जाता है?
(अ) 1861 को भारतीय परिषद् अधिनियम
(ब) 1892 का भारत परिषद् अधिनियम
(स) 1913 का अधिनियम्
(द) 1909 को भारत परिषद् अधिनियम
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Answer:
1909 को भारत परिषद् अधिनियम को मार्ले-मिन्टो सुधार के नाम से जाना जाता है
Explanation:
1909 के अधिनियम की विशेषताएं:-
इस अधिनियम को मॉर्ले-मिंटो सुधार के सुधार के नाम से भी जाना जाता है (उस समय लॉर्ड मॉर्ले इंग्लैंड में भारत के राज्य सचिव थे और लॉर्ड मिंटो भारत में वायसराय थे)।
1. इसने केंद्रीय और प्रांतीय विधानपरिषदों के आकार में काफी वृद्धि की। केंद्रीय परिषद में इनकी संख्या 16 से 60 हो गई। प्रांतीय विधानपरिषदों में इनकी संख्या एक समान नहीं थी।
2. इसने केंद्रीय परिषद में सरकारी बहुमत को बनाए रखा लेकिन प्रांतीय परिषदों में गैर-सरकारी सदस्यों के बहुमत की अनुमति थी।
3. इसने दोनों स्तरों पर विधान परिषदों के चर्चा कार्यों का दायरा बढ़ाया। उदाहरण के तौर पर अनुपूरक प्रश्न पूछना, बजट पर संकल्प रखना आदि।
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1909 को भारत परिषद् अधिनियम |
Explanation:
- भारत परिषद् अधिनियम १९०९ को आमतौर पर मॉर्ले-मिन्टो या मिंटो-मॉर्ले सुधार के रूप में जाना जाता है|
- यह अधिनियम ब्रिटेन की संसद ने भारत के शासन में भारतीयों की भागीदारी में सीमित वृद्धि के बारे में लाया।
- 1861 भारत परिषद् अधिनियम के आधार पर विधानसभाओं के लिए चुने जाने वाले भारतीयों में संख्यात्मक रूप से वृद्धि हुई।
- कार्यकारी मजबूत ब्रिटिश नियंत्रण में रहा और सरकार का परामर्श मोड अपरिवर्तित रहा।
- सुधारों ने प्रांतो में भारतीय प्रभुत्व स्थापित किया, लेकिन केंद्रीय, विधायी निकाय ब्रिटिश सरकार के अंदर ही रहे।
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