प्रश्न 4. लेखिका ने ईश्वर की तुलना बूढ़े आदमी
से क्यों की है ? (छ.ग. 2019 सेट C)
Answers
जीवन का खरा सोना छिपाने के लिए उस मलिन शरीर को बनाने वाला ईश्वर उस बूढ़े आदमी से भिन्न नहीं, जो अपने सोने की मोहर को कच्ची मिट्टी की दीवार में रखकर निश्चित हो जाता है।"
लेखिका ने ईश्वर की तुलना बूढ़े आदमी से क्यों की है ?
लेखिका महादेवी वर्मा ने घीसा नामक पाठ में ईश्वर की तुलना बूढ़े आदमी से इसलिए की है क्योंकि लेखिका के अनुसार जीवन का खरा सोना छुपाने के लिए इस मलिन शरीर को बनाने वाला ईश्वर उस बूढ़े आदमी से अलग नहीं है, जो बूढ़ा आदमी अपने सोने की मोहर को कच्ची मिट्टी की दीवार में रखकर निश्चिंत हो जाता है।
लेखिका कहती हैं कि घीसा अपने गुरु से झूठ बोलना भगवान से झूठ बोलने के समान समझता है। घीसा के पास ना पैसा है ना खेत का फिर भी जब तरबूज लेकर भेंट देने के लिए लेखिका के पास आया तो लेखिका के मन में संदेह हुआ कहीं इसे वह चुरा कर तो नहीं लाया है, लेकिन यह लेखिका का यह संदेह बिल्कुल ही निराधार था। घीसा अपना कुर्ता बेचकर वह तरबूज धर्म लेकर आया था क्योंकि उसे अपने गुरु यानी लेखिका को कुछ भेंट देने थी।
#SPJ3
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