प्रश्न 4.
महाकवि माघ के जीवन तथा कृतित्व का वर्णन कीजिए।
Answers
संस्कृत के प्रकांड पंडित ‘महाकवि माघ’ का जन्म सातवीं और आठवीं शताब्दी के मध्य ‘श्रीमालनगर’ नामक जगह पर हुआ था जो कि भीनमाल (राजस्थान) में है।
‘महाकवि माघ’ के पिता का नाम दत्तक था तथा इनकी इनका विवाह माल्हण देवी नामक स्त्री से हुआ था।
‘महाकवि माघ’ संस्कृत के बहुत बड़े विद्वान थे। उन्होंने ‘शिशुपालवधम्’ नामक काव्य ग्रंथ की रचना की, जिसमें महाभारत के शिशुशाल वध के प्रसंग का वर्णन किया है, जब शिशुपाल भगवान कृष्ण को अपशब्द कहता है और श्रीकृष्ण अपने पूर्व वचन के अनुसार उसकी सौ गलतियों को क्षमा कर देते है, उसके बाद वो उसको दंड देते हैं।
‘महाकवि माघ’ ने ‘शिशुपालवधम्’ नामक काव्य ग्रंथ में साहित्य, व्याकरण शास्त्र, नीतिशास्त्र, राजनीति शास्त्र, पुराण, आयुर्वेद, ज्योतिष, प्राकृतिक सौंदर्य, ग्रामीण जीवन, पशु-पक्षी जीवन आदि सब पहलुओं का वर्णन एक ही ग्रंथ में करके इस ग्रंथ को अद्भुत बना दिया है।
स्वभाव से महाकवि माघ बड़ी परोपकारी एवं दानी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। अपनी दानशीलता के कारण वो अत्यन्त लोकप्रिय थे। एक समय ऐसा भी आया कि उन्होंने लगभग अपना सबकुछ दान कर दिया था और वो स्वयं अत्यन्त निर्धन हो गये थे।