प्रश्न 4. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढिए-
जब हम सत्य को पुकारते हैं
तो वह हमसे परे हटता जाता है
जैसे गुहारते हुए युधिष्ठिर के सामने
से भागे थे विदुर और भी घने जंगलों में
सत्य शायद जानना चाहता है
कि उसके पीछे हम कितनी दूर तक भटक सकते हैं
कभी दिखता है सत्य
और कभी ओझल हो जाता है
और हम कहते रह जाते हैं कि रुको यह हम हैं
जैसे धर्मराज के बार-बार दुहाई देने पर
कि ठहरिए स्वामी विदुर
यह मैं हूँ आपका सेवक कुंतीनंदन युधिष्ठिर
वे नहीं ठिठकतो
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