प्रश्न 42. चोल सामाज्य में स्थानीय स्वशासन की महत्वपूर्ण विशेषताओं को लिखें।
प्रश्न 43. शेरशाह द्वारा जनकल्याण के लिए कौन-कौन से कार्य किए गए थे, वर्णन करें।
प्रश्न 44, निर्वाचन आयोग के कार्यों का वर्णन करें।
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संदर्भ
आमतौर पर सभी संघीय ढाँचों में द्विस्तरीय शासन प्रणाली शामिल होती है, पहले स्तर पर केंद्र या संघ सरकार एवं दूसरे स्तर पर राज्य या प्रांतीय सरकार। परंतु इस नज़रिये से भारतीय संघात्मक ढाँचे को कुछ अलग माना जाता है, क्योंकि भारतीय संविधान में त्रिस्तरीय शासन प्रणाली की व्यवस्था की गई है:
शीर्ष पर केंद्र सरकार
मध्य में राज्य सरकार, और
अंत में स्थानीय सरकार (इसमें ग्रामीण पंचायतें और नगरपालिकाएँ शामिल हैं)
स्थानीय सरकार की प्रणाली को अपनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य यही है कि इसके माध्यम से देश के सभी नागरिक अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को प्राप्त कर सकते हैं। विदित है कि लोकतंत्र की सफलता सत्ता के विकेंद्रीकरण पर निर्भर करती है और स्थानीय स्वशासन के माध्यम से ही शक्तियों का सही विकेंद्रीकरण संभव हो पाता है।
स्थानीय सरकार की अवधारणा
लोकतंत्र का सही अर्थ होता है सार्थक भागीदारी और उद्देश्यपूर्ण जवाबदेही। जीवंत और मज़बूत स्थानीय शासन भागीदारी और जवाबदेही दोनों को सुनिश्चित करता है।
सरल शब्दों में गाँव और ज़िला स्तर के शासन को ही स्थानीय स्वशासन कहते हैं।
स्थानीय स्वशासन की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि यह देश के आम नागरिकों के सबसे करीब होती है और इसलिये यह लोकतंत्र में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने में सक्षम होती है।
स्थानीय सरकार का क्षेत्राधिकार एक विशेष क्षेत्र तक सीमित होता है और यह उन्हीं लोगों के लिये कार्य करती है जो उस क्षेत्र विशेष के निवासी हैं।
स्थानीय सरकार राज्य सरकार के अधीन आती है और उसका नियंत्रण और पर्यवेक्षण भी राज्य सरकार द्वारा ही किया जाता है।
सही मायनों में स्थानीय सरकार का अर्थ है, स्थानीय लोगों द्वारा स्थानीय मामलों का प्रबंधन। यह इस सिद्धांत पर आधारित है कि स्थानीय समस्याओं और ज़रूरतों की समझ केंद्रीय या राज्य सरकारों की अपेक्षा स्थानीय लोगों को अधिक होती है।
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